लोकसभा में बीजेपी की लगभग 60 सीटें कम हुईं और इस 60 सीटों को कम करने में एक बहुत बड़ा योगदान एक अफवाह का भी था। वह अफवाह यह थी कि अगर बीजेपी 400 के पास चली जाएगी तो संविधान को बदल दिया जाएगा और जो दलित हैं, उनका आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा। इस अफवाह को उड़ाया किसने? इस अफवाह को उड़ाया मीडिया ने। दो साल से अफवाह को पाल पोसकर खूब बड़ा किया गया चुनाव तक, और इसके बाद इस अफवाह का पूरा इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी और अखिलेश यादव ने किया।
अब सबसे महत्वपूर्ण बात क्या है? कांग्रेस पार्टी ने यह समझ लिया है कि यह पूरा अफवाह तंत्र, यह इकोसिस्टम की अफवाह, इस अफवाह के माध्यम से उनकी सीटें 100 तक पहुंच गईं। इंडिया अलायंस ने काम से कम इतनी ताकत तो हासिल कर ली कि अब वह संसद में अपनी एक प्रभाव दिखा सकता है। कांग्रेस पार्टी को यह लग रहा है कि शायद अफवाह ही एक ऐसा माध्यम है जिसकी वजह से वह अब बीजेपी को पूरी तरह से खत्म कर सकती है।
क्योंकि लगातार अब कांग्रेस पार्टी और उसके नेता अफवाह उड़ा रहे हैं। इन अफवाहों का केंद्र बिंदु एक चीज है: प्रधानमंत्री मोदी को एक भ्रष्ट प्रधानमंत्री साबित करना। मोदी सरकार को एक भ्रष्टतम सरकार साबित करने की कोशिश की जा रही है। हाल ही में अटल सेतु का मुद्दा आया, जिसमें फेक न्यूज़ फैलाई जा रही थी। कांग्रेस पार्टी के हैंडल्स ने 2-3 दिन पहले फेक न्यूज़ फैलाई थी।
एक नई खबर सामने आई, सचिन गुप्ता नाम के व्यक्ति ने एक ट्वीट किया था कि अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की 20 मीटर बाउंड्री वॉल एक ही बारिश में ढह गई। 30 दिसंबर 2023 को पीएम नरेंद्र मोदी ने इस रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया था। अजीत अंजू ने तुरंत इसको रिट्वीट किया और लिखा, “मोदी राज में ढहता विकास”।
लेकिन सच्चाई क्या है? नॉर्दर्न रेलवे ने तुरंत इस फेक न्यूज़ को खत्म किया और सच दिखाया। रेलवे ने सूचित किया कि वीडियो में दिखाई गई दीवार मुख्य स्टेशन भवन का हिस्सा नहीं है, बल्कि रेलवे और निजी भूमि के बीच की दीवार है। निजी लोगों द्वारा खुदाई कार्य और जलभराव के कारण यह दीवार ढह गई।
फिर भी, न्यूज़ 24 जैसे चैनल ने इस फेक न्यूज़ को चलाया और बाद में डिलीट कर दिया। लेकिन बहुत सारे लोग आज भी इस खबर को दिखा रहे हैं और फेक न्यूज़ का सहारा ले रहे हैं। यह स्पष्ट है कि अगर हम फेक न्यूज़ चलाएंगे, तो फेक न्यूज़ के दम पर मोदी सरकार को करप्ट घोषित कर देंगे और बीजेपी की सीटें कम कर देंगे।
मैं यहां विशेष रूप से सुप्रिया श्रीनेत्र का जिक्र करना चाहूंगा, जो एक पत्रकार भी नहीं हैं। उन्होंने बिना जांच-पड़ताल के ट्वीट किया कि 18,000 करोड़ की लागत से बना मुंबई का अटल सेतु, जिसका उद्घाटन मोदी ने 12 जनवरी 2024 को किया था, उसमें दरारें पड़ गई हैं।
कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले भी पहुंचे और उन्होंने इसकी फोटो खींची। लेकिन डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि अटल सेतु पर कोई दरार नहीं है, और यह तस्वीर एप्रोच रोड की है।
शशि थरूर ने भी एक ट्वीट किया कि “उत्तर प्रदेश: जहां परीक्षा से पहले उत्तर का पता चल जाए।” यह भी एक अफवाह थी जो फेक न्यूज़ के माध्यम से फैलाई गई।
अगस्त 2023 में भारतीय न्याय संहिता 2023 को पेश किया गया था, जिसमें फेक न्यूज़ फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात की गई थी। लेकिन इसका कितना उपयोग हुआ? ध्रुव राठी जैसे लोग, जो बाहर से बैठकर लगातार भारत के बारे में फेक न्यूज़ फैला रहे हैं, उन पर क्या कार्रवाई हुई?
अब बीजेपी को पहले से ज्यादा तैयारी करनी पड़ेगी। अब फेक न्यूज़ फैलाने वाले लोगों का मनोबल बहुत ऊंचा हो चुका है। ये लोग पूरी तरह से बीजेपी की चुनाव मशीनरी को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। केंद्र सरकार को इस पर विशेष ध्यान देना पड़ेगा, वरना आरक्षण खत्म होने जैसी अफवाहें बीजेपी को अंदर से कमजोर कर सकती हैं।